बिहार की पाँच लोकसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद कौन किस पर है भारी

बिहार की पाँच लोकसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद कौन किस पर है भारी

Lok Sabha Election 2024

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15 दिनों के पैरोल पर जेल से बाहर आये बाहुबली अनंत सिंह का चला जलवा

अर्थप्रकाश / मुकेश कुमार सिंह: चौथे चरण में बिहार के पाँच सीटों पर सोमवार को मतदान, कुल मिला कर शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गए। मतदान प्रतिशत की बात करें, तो सबसे अधिक बेगूसराय में 58.40 प्रतिशत मतदान हुआ है। सबसे कम मुंगेर में 55.00 प्रतिशत मतदान हुआ है। वहीं दरभंगा में 56.63 प्रतिशत, समस्तीपुर में 58.10 प्रतिशत और उजियारपुर में 56.00 प्रतिशत मतदान हुआ है।

चौथे फेज में 5 सीटों पर मतदान के बाद जानें किस-किस के बीच है मुकाबला

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लोकसभा चुनाव के चौथे चरण मतदान सम्पन्न हो चुका है। इस फेज में भी मोदी मैजिक काफी भारी रहा। इस फेज में बीजेपी दिग्गज और फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह चुनावी मैदान में हैं। इन पाँचों सीटों पर कुल 55 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 7 उम्मीदवार निर्दलीय हैं। जाहिर तौर पर बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। मुंगेर लोकसभा सीट से एनडीए के सहयोगी जेडीयू ने राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को उम्मीदवार बनाया है। ललन सिंह ने 2019 में इस लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। इस बार आरजेडी ने इस सीट से बाहुबली अशोक महतो की आनन-फानन में शादी करवा कर, उनकी पत्नी अनीता देवी को चुनावी मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में ललन सिंह ने बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को हराया था। लेकिन इस बार बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले, जेल में बंद बाहुबली अनंत सिंह को 15 दिन के पैरोल पर जेल से बाहर आने दिया। बाहुबली अनंत सिंह ने भूमिहार प्रभावित इलाके में जम कर प्रचार किये हैं। अनंत सिंह के जेल से बाहर आते ही, बिहार के पाँचों सीट बेहद प्रभावित हुए हैं। अनंत सिंह के जलवे का ही नतीजा है कि मुंगेर से ललन सिंह की स्थिति बेहद अच्छी बताई जा रही है।

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कभी वामदल और कांग्रेस का गढ़ रहे बेगूसराय लोकसभा सीट पर महागठबंधन की तरफ से सीपीआई के अवधेश कुमार राय उम्मीदवार हैं।  बीजेपी ने मौजूदा सांसद गिरिराज सिंह को चुनावी समर उतारा है। इस सीट पर भूमिहारों का दबदबा है. इस सीट पर 16 फीसदी भूमिहार, 14 फीसदी मुस्लिम और 8 फीसदी यादव हैं। इस लोकसभा क्षेत्र पर भी बाहुबली अनंत सिंह का प्रभाव है। 2019 में गिरिराज सिंह ने सीपीआई से चुनाव लड़ रहे कन्हैया कुमार को बड़े अंतर से हराया था। मतदान के बाद इस बार भी, गिरिराज सिंह का पलड़ा बेहद भारी है। 

दरभंगा लोकसभा सीट पर 15 सालों से बीजेपी का कब्जा है। बीजेपी ने इस बार इस सीट से निवर्तमान सांसद गोपाल जी ठाकुर को मैदान में उतारा है। महागठबंधन की तरफ से आरजेडी ने ललित कुमार यादव को उम्मीदवार बनाया है। 2019 के चुनाव में गोपाल जी ठाकुर ने आरजेडी के बड़े नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को बड़े अंतर से हराया था। मतदान के बाद जो जानकारी हम तक पहुँच रही है, उसके मुताबिक यह सीट एक बार फिर से बीजेपी के खाते में जाती दिख रही है।

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पिछले 10 साल से समस्तीपुर लोकसभा सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी का कब्जा है। हाँलाँकि इस बार एलजेपी टूट गई है। एनडीए के सहयोगी के तौर पर चिराग पासवान ने शांभवी चौधरी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है। शांभवी चौधरी बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं। महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस ने सन्नी हजारी को उम्मीदवार बनाया है। बेहद गौरतलब है कि सन्नी हजारी बिहार सरकार में जेडीयू कोटे से मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे हैं। इस सीट पर लोजपा (रामविलास) और महागठबंधन के बीच, कड़ा मुकाबला है। यहाँ अभी तस्वीर साफ नहीं है। हाँलाँकि एनडीए ने चुनावी प्रचार में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा था। लेकिन मतदान के बाद इस सीट परकौन भारी है, इस पर कयास लगाना थोड़ी जल्दबाजी होगी।

उजियारपुर लोकसभा सीट से एनडीए की तरफ से बीजेपी ने केंद्रीय राज्यमंत्री नित्यानंद राय को उम्मीदवार बनाया है, जबकि महागठबंधन की तरफ से आरजेडी ने आलोक कुमार मेहता को मैदान में उतारा  है। 2009 में यह लोकसभा सीट अस्तित्व में आया था।  इस सीट पर एनडीए का कब्जा रहा है। पिछले 10 साल से बीजेपी के नित्यानंद राय इस सीट से सांसद हैं। यादव जाति से आने वाले नित्यानंद राय का पलड़ा, इस बार भी भारी है। यानि यह सीट भी एनडीए के खाते में जाती दिख रही है। कुल मिला कर चौथे चरण के मतदान में, एनडीए मजबूत दिख रही है।